कंप्यूटर की शुरुआत सीधे-सीधे आधुनिक मशीनों से नहीं हुई। इसका मूल विचार 'गणना' (compute) से जुड़ा है और सबसे पहले इंसान ने गणना के लिये सरल उपकरण बनाए।
अबैकस (Abacus) — दुनिया का पहला गणना-औजार
अबैकस को लगभग 3000 ईसा पूर्व में चीन और मेसोपोटामिया जैसी सभ्यताओं में उपयोग किया गया। यह लकड़ी के फ्रेम और उसमें चलने वाली मोतियों वाला यंत्र था। व्यापारियों और गणकियों द्वारा जोड़-घटाना और गुणा-भाग करने के लिये इस्तेमाल किया जाता था। आधुनिक कंप्यूटर के इतिहास में अबैकस को एक बहुत बड़ा कदम माना जाता है क्योंकि यह मानव की गणनात्मक जरूरतों को कम करने वाला पहला उपकरण था।
यांत्रिक कैलकुलेटर
17वीं सदी में वैज्ञानिकों ने यांत्रिक गणना उपकरणों का निर्माण शुरू किया। फ्रांसीसी वैज्ञानिक ब्लेज़ पास्कल (Blaise Pascal) ने 1642 में पास्कलाइन बनाया, जो जोड़-घटा करने में सक्षम था। उसके बाद गॉटफ्रेड विल्हेम लाइबनिज़ ने ऐसे यंत्र विकसित किये जो गुणा और भाग भी कर सकते थे। इन यंत्रों ने गणना को स्वचालित करना शुरू किया, जो आगे चलकर कंप्यूटर बनाने की सोच का आधार बने।
चार्ल्स बैबेज और आधुनिक कंप्यूटर की नींव
कंप्यूटर की आधुनिक रूपरेखा 19वीं शताब्दी में चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage) ने दी। इन्हें अक्सर "कंप्यूटर के पिता" कहा जाता है। बैबेज ने दो महत्वपूर्ण यंत्रों का विचार और डिजाइन प्रस्तुत किया:
Difference Engine (1822)
Difference Engine को गणितीय तालिकाएँ (mathematical tables) बनाने के लिये डिज़ाइन किया गया था। इसका उद्देश्य मानवीय त्रुटियों को कम करके सटीक तालिकाएँ उत्पन्न करना था। यह पूर्णतया यांत्रिक मशीन थी और इसमें कई गियर और दृढ़ तंत्र थे।
Analytical Engine (1837)
बैबेज का सबसे बड़ा योगदान था Analytical Engine। यह वास्तव में आधुनिक कंप्यूटर के कई प्रमुख घटकों का प्रोटोटाइप था—जैसे कि एक अंकगणक (processor) जो निर्देशों को चला सके, एक स्टोर (memory) और इनपुट/आउटपुट सुविधाएँ। अगर बैबेज का पूरा डिज़ाइन समय पर बना हुआ होता तो उसे पहली प्रोग्रामेबल मशीन माना जाता।
एडा लवलैस — दुनिया की पहली प्रोग्रामर
बैबेज की एक सहयोगी, एडा लवलैस (Ada Lovelace), ने Analytical Engine के लिये नोट्स लिखे और एक एल्गोरिथ्म का वर्णन किया जिसे आज पहला कंप्यूटर प्रोग्राम कहा जाता है। इसलिए उन्हें अक्सर इतिहास में पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर के रूप में याद किया जाता है।
सैद्धान्तिक आधार — एलन ट्यूरिंग
20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में कंप्यूटर सिद्धांत को और मजबूत किया ब्रिटिश गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग ने। 1936 में ट्यूरिंग ने Turing Machine का सिद्धांत दिया, जो यह बताता है कि किसी समस्या को हल करने के लिये एक मशीन कैसे कार्यक्रमों का उपयोग कर सकती है। ट्यूरिंग के विचारों ने कंप्यूटर विज्ञान के सैद्धान्तिक आधार को आकार दिया।
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर का युग
20वीं सदी के मध्य में वैक्यूम ट्यूब और बाद में ट्रांजिस्टर तथा इंटीग्रेटेड सर्किट के विकास ने कंप्यूटर को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया। आइए मुख्य मील के पत्थर देखें:
ENIAC (1945) — पहला बड़ा इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर
ENIAC (Electronic Numerical Integrator and Computer) को 1945 में जॉन मौक्ली और जे. प्रेस्पर एकर्ट ने बनाया। यह एक बड़ा यंत्र था—करीब 30 टन वजन और हजारों वैक्यूम ट्यूब्स के साथ। ENIAC ने गति से जटिल गणनाएँ की और वैज्ञानिक समस्याओं के समाधान में प्रयोग हुआ।
UNIVAC (1951) — पहला व्यावसायिक कंप्यूटर
ENIAC के बाद UNIVAC-I आया, जिसे व्यावसायिक और सरकारी कार्यों के लिये उपयोग किया गया। इसे पहले व्यावसायिक कंप्यूटर के रूप में मान्यता मिली और डेटाबेस तथा सांख्यिकीय कार्यों में उपयोग किया गया।
प्रौद्योगिकी में उन्नति — ट्रांजिस्टर और IC
1947 में ट्रांजिस्टर के आविष्कार ने कंप्यूटरों को छोटा, तेज और विश्वसनीय बनाया। 1960 के दशक में इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) ने हजारों घटकों को एक चिप में समाहित कर दिया—जिससे पीसी और आधुनिक मशीनों का मार्ग खुला।
कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations)
कंप्यूटर इतिहास में विकास को अक्सर विभिन्न पीढ़ियों में वर्गीकृत किया जाता है। यह वर्गीकरण तकनीक और आर्किटेक्चर के आधार पर किया गया है।
- पहली पीढ़ी (1940–1956) — वैक्यूम ट्यूब्स, बड़े आकार, अधिक बिजली खपत। ENIAC का युग।
- दूसरी पीढ़ी (1956–1963) — ट्रांजिस्टर आधारित कंप्यूटर, छोटे और तेज़।
- तीसरी पीढ़ी (1964–1971) — इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) का उपयोग, मल्टीप्रोग्रामिंग शुरू।
- चौथी पीढ़ी (1971–1980) — माइक्रोप्रोसेसर का आगमन (जैसे Intel 4004), पर्सनल कंप्यूटर का उदय।
- पाँचवीं पीढ़ी (1980 और आगे) — आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नेटवर्किंग, इंटरनेट और हाई-लेवल भाषा का विकास।
प्रमुख वैज्ञानिक और उनके योगदान
| नाम | योगदान | साल/काल |
|---|---|---|
| चार्ल्स बैबेज | Difference Engine, Analytical Engine — आधुनिक कंप्यूटर के विचारक | 1820s–1830s |
| एडा लवलैस | Analytical Engine के लिये पहला प्रोग्रामिक नोट्स | 1840s |
| एलन ट्यूरिंग | Turing Machine — कंप्यूटेशन का सैद्धान्तिक आधार | 1930s |
| John Mauchly & J. Presper Eckert | ENIAC — पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर | 1940s |
| इंटेल (Intel) | माइक्रोप्रोसेसर (Intel 4004) — पर्सनल कंप्यूटिंग की राह | 1971 |
कंप्यूटर का समाज पर प्रभाव
कंप्यूटर ने शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार, मनोरंजन और संचार के तरीके को बदल दिया है। इंटरनेट के साथ मिलकर कंप्यूटर ने सूचना क्रांति लाई—जानकारी अब तुरन्त उपलब्ध है, ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, डिजिटल बैंकिंग और स्वचालन (automation) ने जीवन को परिवर्तित कर दिया।
रोज़गार और उद्योग
कंप्यूटर तकनीक ने नई नौकरियाँ बनाई—सॉफ्टवेयर इंजीनियर, डेटा वैज्ञानिक, नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेटर आदि। वहीं, कुछ पारंपरिक नौकरियाँ स्वचालन की वजह से बदल गईं। कुल मिलाकर, ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का उदय हुआ।
शिक्षा और शोध
शोधकर्ता अब जटिल सिमुलेशन कर पाते हैं, छात्रों के लिये ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध हैं और वैश्विक स्तर पर सहयोग आसान हो गया है। क्लाउड टेक्नोलॉजी और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) ने विज्ञान के नए द्वार खोले हैं।
निष्कर्ष
Computer Kon Kaise Banaya Tha? — इसका उत्तर केवल एक नाम या एक तारीख नहीं है। यह एक लंबा, क्रमिक और सामूहिक प्रयास है—प्राचीन गणना उपकरणों से लेकर चार्ल्स बैबेज के विचारों, ट्यूरिंग के सिद्धांतों, ENIAC जैसी इलेक्ट्रॉनिक मशीनों और माइक्रोप्रोसेसर के विकास तक। हर युग में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान ने कंप्यूटर को आज के रूप तक पहुंचाया।
आज के समय में कंप्यूटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमें भविष्य के और भी जटिल और रोचक समाधान देने के लिये तैयार कर रहे हैं। पर उन सबका आधार वही मूल विचार है—मानव की गणना, तर्क और समस्या-समाधान की क्षमता को सशक्त करना।
Written By Nasir Husain [ Lafangga ]

Add a public comment...