भारत में ऐप्स बैन क्यों किए जाते हैं?
भारत सरकार समय-समय पर कुछ विदेशी ऐप्स पर प्रतिबंध (Ban) लगाती है। इसके पीछे कई कारण होते हैं जैसे:
- डेटा सुरक्षा: कई विदेशी ऐप्स भारतीय यूजर्स का निजी डेटा अपने देश के सर्वर पर भेजते हैं। इससे गोपनीयता (Privacy) खतरे में पड़ जाती है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: कुछ ऐप्स ऐसे होते हैं जिनके सर्वर या मालिकाना हक उन देशों के पास होता है जिनसे भारत के रिश्ते संवेदनशील हैं। इससे साइबर सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है।
- अश्लील या अनुचित कंटेंट: कई बार कुछ ऐप्स पर आपत्तिजनक या हिंसात्मक सामग्री पाई जाती है।
- फेक न्यूज़ और मिसइन्फॉर्मेशन: सोशल मीडिया ऐप्स पर झूठी खबरें या अफवाहें फैलाना भी एक बड़ा कारण है।
सरकार इन सभी कारणों से IT Act की धारा 69A के तहत ऐप्स को भारत में बैन कर देती है। लेकिन बैन का मतलब यह नहीं कि ऐप्स पूरी दुनिया में बंद हो जाते हैं — वे सिर्फ भारत के नेटवर्क और IP एड्रेस के लिए ब्लॉक होते हैं।
बैन का तकनीकी मतलब क्या है?
जब किसी ऐप को बैन किया जाता है, तो भारत में उसके सर्वर और वेबसाइट तक पहुँच को रोक दिया जाता है। इसका अर्थ है कि:
- Google Play Store और Apple App Store पर वह ऐप भारत के यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा।
- अगर किसी के फोन में पहले से ऐप इंस्टॉल है, तो उसका सर्वर कनेक्शन भारत में ब्लॉक कर दिया जाएगा।
- भारत के इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) उस ऐप के डोमेन और IP को एक्सेस नहीं करने देते।
यानी तकनीकी रूप से देखा जाए तो यह ऐप "भारत के डिजिटल नेटवर्क" से काट दिया जाता है। लेकिन यह केवल देश-विशिष्ट रोक होती है, पूरी दुनिया में नहीं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश के नेटवर्क से उसे चलाने की कोशिश करे, तो वह खुल जाता है।
लोग बैन ऐप्स को कैसे चलाते हैं?
अब सवाल आता है कि जब कोई ऐप भारत में बंद है, तो लोग उसे कैसे इस्तेमाल कर लेते हैं? इसके पीछे कई तकनीकी तरीके हैं:
1. VPN (Virtual Private Network)
VPN एक ऐसी तकनीक है जो आपके इंटरनेट कनेक्शन को किसी दूसरे देश के सर्वर से गुजार देती है। जब आप VPN ऑन करते हैं, तो आपका IP एड्रेस बदल जाता है और ऐसा लगता है जैसे आप किसी दूसरे देश से इंटरनेट चला रहे हैं।
उदाहरण के लिए, अगर TikTok भारत में बैन है, तो कोई व्यक्ति VPN को अमेरिका या सिंगापुर के सर्वर पर सेट कर देता है। अब TikTok सर्वर को लगता है कि यूजर भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में है — इसलिए ऐप खुल जाता है।
2. Proxy Servers
प्रॉक्सी सर्वर भी VPN जैसा ही काम करते हैं। ये आपके और इंटरनेट के बीच एक मध्यस्थ (middle layer) का काम करते हैं। जब आप प्रॉक्सी सर्वर से किसी वेबसाइट या ऐप तक पहुँचते हैं, तो वह असली लोकेशन नहीं दिखाता।
3. Mirror Sites या Mod Versions
कुछ वेबसाइटें बैन ऐप्स के "मिरर वर्ज़न" या "क्लोन" बना देती हैं। जैसे कि TikTok का नाम बदलकर “TikTok Lite” या “SnackVideo” के रूप में लॉन्च हो जाता है। ये ऐप्स देखने में समान लगते हैं और उन्हीं फीचर्स को दोहराते हैं।
4. APK Files से इंस्टॉल करना
जब कोई ऐप Google Play Store पर नहीं मिलता, तो कुछ लोग इंटरनेट से उसकी APK फाइल डाउनलोड करके इंस्टॉल कर लेते हैं। हालांकि यह तरीका सबसे खतरनाक होता है क्योंकि ऐसी फाइलों में वायरस या डेटा चोरी करने वाला कोड छिपा हो सकता है।
क्या यह तरीका सुरक्षित है?
VPN या Proxy से बैन ऐप्स चलाना तकनीकी रूप से संभव जरूर है, लेकिन यह सुरक्षित नहीं है। इसके कुछ बड़े खतरे हैं:
- डेटा चोरी: VPN ऐप्स आपके डेटा को अपने सर्वर से गुजारते हैं। अगर वह सर्वर असुरक्षित है, तो आपकी जानकारी चोरी हो सकती है।
- बैंकिंग रिस्क: कई VPNs आपके फोन की लोकेशन, पासवर्ड और ब्राउजिंग हिस्ट्री ट्रैक करते हैं।
- हैकिंग का खतरा: बैन ऐप्स में सुरक्षा मानक कमजोर होते हैं, जिससे आपके फोन में मालवेयर आ सकता है।
- कानूनी परेशानी: सरकार द्वारा बैन किए गए ऐप्स का इस्तेमाल करना नियमों का उल्लंघन है। इससे डिजिटल सुरक्षा कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकती है।
सरकार ऐप्स को कैसे ब्लॉक करती है?
भारत सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के जरिए बैन लगाती है। इसके तहत:
- ऐप्स के सर्वर या डोमेन की जानकारी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (जैसे Jio, Airtel, BSNL) को भेजी जाती है।
- फिर ये कंपनियां उन डोमेन या IPs को ब्लैकलिस्ट कर देती हैं।
- यूजर्स जब उन ऐप्स या वेबसाइट्स को खोलने की कोशिश करते हैं, तो "Access Denied" या "Blocked" संदेश दिखता है।
हालांकि यह ब्लॉकिंग सिर्फ भारतीय नेटवर्क तक सीमित होती है। विदेश में वही ऐप बिना किसी रुकावट के चलता रहता है।
कौन-कौन से ऐप्स भारत में बैन हुए?
भारत ने 2020 से लेकर अब तक 250 से ज्यादा विदेशी ऐप्स पर बैन लगाया है। इनमें शामिल हैं:
- TikTok
- UC Browser
- Shein
- ShareIt
- CamScanner
- Club Factory
- Likee
इनमें से अधिकांश ऐप्स चीन की कंपनियों के थे और इन पर भारतीय यूजर्स का डेटा चीन में भेजने का आरोप लगा था।
क्या बैन के बाद ऐप्स वापिस आ सकते हैं?
कई बार कंपनियां सरकार की शर्तें मानकर अपने ऐप्स को फिर से लॉन्च कर देती हैं। उदाहरण के लिए, PUBG Mobile को भारत में बैन किया गया था, लेकिन बाद में उसका भारतीय वर्ज़न “Battlegrounds Mobile India (BGMI)” नाम से वापिस आया।
यह तभी संभव होता है जब कंपनी भारत में डेटा लोकल सर्वर पर रखे और सरकार की नीतियों का पालन करे।
क्या VPN का इस्तेमाल करना कानूनी है?
भारत में VPN का उपयोग अवैध नहीं है। लेकिन अगर आप VPN का उपयोग किसी बैन ऐप या गैरकानूनी काम के लिए करते हैं, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है। VPN का सही उपयोग साइबर सुरक्षा, प्राइवेसी और ऑफिस वर्क के लिए किया जा सकता है।
बैन ऐप्स के सुरक्षित विकल्प क्या हैं?
सरकार ने बैन ऐप्स के कई भारतीय विकल्पों को बढ़ावा दिया है। कुछ उदाहरण नीचे दिए गए हैं:
| बैन ऐप | भारतीय/सुरक्षित विकल्प |
|---|---|
| TikTok | Josh, Moj, MX TakaTak |
| UC Browser | Jio Browser, Google Chrome |
| ShareIt | Files by Google, JioSwitch |
| CamScanner | Adobe Scan, Kaagaz Scanner |
VPN से ऐप चलाने के खतरे
भले ही VPN से बैन ऐप चलाना आसान लगे, लेकिन इसके पीछे छिपे खतरे बड़े हैं:
- VPN ऐप्स के जरिए आपका डेटा तीसरे देशों तक जा सकता है।
- कुछ फ्री VPN आपके मोबाइल में विज्ञापन डालकर पैसे कमाते हैं और आपके डेटा को बेचते हैं।
- VPN के उपयोग से आपकी इंटरनेट स्पीड भी घट जाती है।
- अगर आप सरकारी ऐप्स या बैंकिंग एप्स VPN से चलाते हैं, तो OTP और सुरक्षा कोड चोरी हो सकते हैं।
क्या सरकार VPN को ट्रैक कर सकती है?
हाँ, सरकार के पास साइबर सुरक्षा एजेंसियां हैं जो VPN ट्रैफिक को ट्रैक कर सकती हैं। अगर कोई व्यक्ति लगातार बैन ऐप्स का उपयोग कर रहा है, तो उसका IP ट्रेस किया जा सकता है।
लोग क्यों बैन ऐप्स का उपयोग करते हैं?
कई लोगों को बैन ऐप्स के फीचर्स पसंद होते हैं — जैसे TikTok की एडिटिंग टूल्स, या UC Browser की स्पीड। इसके अलावा कुछ लोग नए ऐप्स पर शिफ्ट नहीं करना चाहते। लेकिन यह आदत गलत है, क्योंकि सुरक्षा से समझौता कभी भी बड़ा नुकसान कर सकता है।
देश की सुरक्षा से समझौता क्यों नहीं?
एप्स पर बैन कोई राजनीतिक कदम नहीं बल्कि सुरक्षा का सवाल है। अगर किसी देश का ऐप आपके मोबाइल से डेटा लेकर अपने देश के सर्वर पर भेजता है, तो वह आपकी जानकारी पर निगरानी रख सकता है। इससे न सिर्फ आपकी प्राइवेसी बल्कि देश की डिजिटल सुरक्षा भी खतरे में आ जाती है।
भविष्य में क्या होगा?
भविष्य में सरकार और सख्त डेटा प्रोटेक्शन कानून लाने जा रही है। इसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भारतीय यूजर्स का डेटा भारत के अंदर ही स्टोर हो। साथ ही, भारतीय डेवलपर्स को लोकल ऐप्स बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि देश आत्मनिर्भर बन सके।
निष्कर्ष
संक्षेप में कहा जाए तो जब कोई ऐप भारत में बैन किया जाता है, तो वह केवल भारत के नेटवर्क पर ब्लॉक होता है। लोग VPN या Proxy जैसे उपायों से उसे दूसरे देश के सर्वर के जरिए चला लेते हैं। लेकिन यह तरीका न तो सुरक्षित है और न ही कानूनी। इसलिए हमेशा वैध, सुरक्षित और स्वदेशी ऐप्स का उपयोग करें।
Written By Nasir Husain [ Lafangga ]

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